बसंत पंचमी – Basant Panchami 2024
बसंत पंचमी Basant Panchami 2024 में 14 फरवरी दिन बुधवार को धूमधाम से मनाई जाएगी । बसंत पंचमी पर ज्ञान की देवी माता सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है । बसंत पंचमी को ज्ञान औरबुद्धिकी देवीमां सरस्वतीका प्रकटदिवस भी मनाया जाता है । भारत में पूरे वर्ष 6 ऋतुयें होती हैं बसंत ग्रीष्म वर्षा शरद हेमंत शिशिर परंतु बसंत रितु को ऋतुराज अर्थात ऋतुओं का राजा कहा जाता है। बसंत ऋतु माघ के प्रतिपदा से आरंभ होती है परंतु पंचमी के दिन लोगों का ध्यान ज्यादा आकर्षित होता है।
बसंत पंचमी के संदर्भ में भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद्भागवत गीता में अपने बारे में कहा है – मैं ऋतुओं में बसंत हूं “ मासानां मार्गशीर्षोऽहमृतूनां कुसुमाकरः “ ॥ [श्रीमद्भगवद्गीता/10/35]
बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है ? Basant Panchami 2024 –
बसंत पंचमी Basant Panchami 2024 वाले दिन हिंदुओं के 16 संस्कारों में से 14 संस्कार पूरे कराए जाते हैं । क्योंकि बसंत पंचमी वाले दिन श्रेष्ठ मुहूर्त होता है अगर किसी व्यक्ति के विवाह में कोई अड़चन आ रही है तो माता सरस्वती का उपाय करने से विवाह बनने के संयोग बन सकते हैं । इस उपाय के लिए आपको बादाम की जरूरत पड़ती है और साथ ही माता सरस्वती की ऐसी मूर्ति तलाश करनी होगी जिसमें माता सरस्वती किसी ऊंचे आसन पर विराज रही हो और उनके पांव जमीन पर हो। बसंत पंचमी वाले दिन बादाम की 108 मनको वाली माला मां सरस्वती की मूर्तिको सच्चे मन से समर्पित करनी चाहिए तत्पश्चात माता सरस्वती से विवाह में आ रही समस्या को दूर करने का अनुरोध एवं प्रार्थना करनी चाहिए । कहा जाता है कि इस उपाय को करने से ‘ चट मंगनी पट विवाह ’ के योग बन जाते हैं । इस उपाय का उल्लेख सोनक कल्प नाम की एक संहिता में भी मिलता है ।
विवाह में आ रही परेशानी को दूर करने का उपाय Basant Panchami 2024 –
सोनक कल्प सहिंता में मिले विवरण के अनुसार बादाम की माला का यह अचूक उपाय विवाह संस्का र के लिए अति लाभदायक है । बहुत से जातकों के विवाह में कई प्रकार की मुश्किलें आती हैं जैसे की कुंडली का न मिलना, नाडी दोष होना , वर्ण विकास ना होना , घर मैत्री ना आ रही हो , पित्त दोष सामानुभाव हो इत्यादि । इन सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए बादाम की माला माता सरस्वती को प्रार्थना करते हुए समर्पित की जाती है । बादाम की माला माता सरस्वती की ऐसी प्रतिमा पर अर्पित की जाती है जिसमें माता किसी ऊंचे आसन प रविराज रही हो और उनके पांव जमीन पर हो। मध्य प्रदेश के सागर जिले में माता सरस्वती की ऐसी प्रतिमा सरस्वती मंदिर में विराजती है । यहां माल को समर्पित करने के लिए उचित समय और प्रतिमा का अति विशेष ध्यान रखा जाता है । सूर्य अस्त होने से पूर्व इस बादाम की माला को माता सरस्वती को अर्पित किया जाता है । भूल कर भी इस माल को माता सरस्वती की खड़ी प्रतिमा या उनके छायाचित्र या नामावली पर अर्पित नहीं करनी चाहिए ऐसा करने से जातक को कोई लाभ नहीं होगा । जातक को पूर्ण श्रद्धा भाव से इस उपाय को करना चाहिए तभी जातक को सफलता मिलेगी ।
बसंत पंचमी के दिन क्या करें ? Do this on Basant Panchami 2024 –
बसंत ऋतु में पीले फूल आसानी से मिल जाते हैं और इन फूलों को माता सरस्वती को अर्पित करना चाहिए । क्योंकि यह तिथि माता सरस्वती को समर्पित है इसलिए इस दिन पठन-पाठन से संबंधित सामग्री जैसे की कलम किताब कॉपी आदि कीपूजा करनी चाहिए। बसंत पंचमी वाले दिन मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करना , नए घर की नीव रखना, नए घर में गृह प्रवेश करना , नया वाहन खरीदना या नया व्यापार शुरू करना अति शुभ माना जाता है। बसंत पंचमी वाले दिन नवजात बच्चे को पहला निवाला खिलाना भी उत्तम है तथा यदि उपलब्ध हो सके तो बच्चे की जिह्वा पर शहद से और किसी चांदी की कलम से ॐ बनाना चाहिए। बसंत पंचमी का त्योहार बिहार में बहुत प्रसिद्ध है और सबसे महत्वपूर्ण त्योहार में से एक है यह ठीक उसी प्रकार है जिस प्रकार बंगाल में माता दुर्गा की पूजा का आयोजन किया जाता है । ठीक उसी प्रकार बिहार में माता सरस्वती की पूजा का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जाता है ।
बसंत पंचमी वाले दिन क्या न करें ? Don’t do this on Basant Panchami 2024 –
बसंत पंचमी वाले दिन मांस , मदिरा , शराब का सेवन बिलकुल भी न करें । ये दिन विद्यार्थियो के लिए विशेष रूप से हितकारी है इसलिए आज के दिन ऐसा कोई आचरण न करें जो सामाजिक एवं बौद्धिक रूप से सही न हो । बसंत पंचमी वाले दिन नाख़ून , बाल नही काटने चाहिए ये काम एक दिन पूर्व करें अगर संभव हो तो । आज के दिन न झूठ बोले न ही असामाजिक कृत्य करें क्युकी बसंत पंचमी का दिन ज्ञान का सूचक है अज्ञानता का नही । हिंदुस्तान के सबसे बड़े स्कूल संस्थानों में से एक विद्या भारती जिसके अंतर्गत अनेकों सरस्वती शिशु मंदिर एवं सरस्वती विद्या मंदिर में माता सरस्वती की पूजाअर्चना को अत्यधिक महत्व दिया जाता है । या यह कहें की बसंत पंचमी ऐसे स्कूलों में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है । बसंत पंचमी वाले दिन स्कूलों में हवन का आयोजन किया जाता है । बसंत पंचमी वाले दिन कामदेव के अवतरण भगवान श्री कृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न का जन्म हुआ था । बसंत पंचमी का पीला रंग कामदेव के धनुष का रंग है इसीलिए बसंत पंचमी वाले दिन जातकों को पीले वस्त्र धारण करने चाहिए चाहिएचाहिए। बसंत पंचमी वाले दिन ही प्रभु श्री राम ने माता शबरी के स्नेह पूर्ण बेर ग्रहण किए थे इसीलिए भगवान को आज के दिन बर का भोग भी लगाया जाता है । बसंत पंचमी को मदनोत्सव के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह यह दिन श्री कृष्णालीला और कामदेव रति के रूप को समर्पित है ।
माता सरस्वती की वंदना
बसंत पंचमी उत्सव –
बसंत पंचमी के अन्य नाम | श्री पंचमी , सरस्वती पंचमी , मदनोत्सव , सरस्वती जयंती |
बसंत पंचमी शुरुआत | माघ महीने की पंचमी तिथि |
बसंत पंचमी विशेष | माता सरस्वती अवतरण दिवस |
बसंत पंचमी उत्सव विधि | सरस्वती पूजा , हवन , मेला |
Basant Panchami 2024
Basant Pancha